लेखनी प्रतियोगिता -06-Sep-2022 मुक्तक : महफिल

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दिल के शामियाने में तेरी महफिल सजाए बैठे हैं  धड़कनों में तेरे ही नाम की सरगम बजाए बैठे हैं  आंखों के दरीचों में तेरी चाहत की रोशनी है जली  ख्वाबों के ...

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